समर्थक / Followers

मंगलवार, 20 जनवरी 2015

अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन, भूटान में कृष्ण कुमार यादव “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान’’ से सम्मानित

हिंदी साहित्य और ब्लाॅग पर संस्मरणात्मक सृजन के लिए चर्चित ब्लाॅगर व साहित्यकार एवं सम्प्रति इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव को 15-18 जनवरी 2015 के दौरान भूटान की राजधानी थिम्पू में आयोजित चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में ब्लाॅगिंग हेतु सर्वोच्च “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान’’ से सम्मानित किया गया। श्री यादव को उक्त सम्मान भूटान चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के जनरल सेक्रेटरी श्री फूप श्रृंग एवं इंटरनेशनल स्कूल ऑफ भूटान तथा सार्क समिति ऑफ विमेन ऑर्गनाइजेशन  की अध्यक्ष श्रीमती थिनले लम्हा द्वारा दिया गया। सम्मान के तहत 25,000 रूपये की धनराशि, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, श्रीफल और अंगवस्त्रम  देकर श्री कृष्ण कुमार यादव को सम्मानित किया गया। उक्त जानकारी सम्मलेन के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने दी। 


    
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ 7 पुस्तकों के लेखक एवं हिन्दी ब्लाॅगिंग व सोशल मीडिया को नये आयाम देनेवाले श्री कृष्ण कुमार यादव को इससे पूर्व भी शताधिक प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। श्री यादव ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया। कृष्ण कुमार यादव के दो व्यक्तिगत ब्लॉग हैं। इनमें “शब्द सृजन की ओर“ (http://kkyadav.blogspot.com) ब्लॉग सामयिक विषयों, मर्मस्पर्शी कविताओं व जानकारीपरक, शोधपूर्ण आलेखों से परिपूर्ण है; वहीं “डाकिया डाक लाया“ (http://dakbabu.blogspot.com) डाक सेवाओं की रोचक दुनिया को सहेजता है। इन ब्लॉग  को अब तक लाखों लोगों ने पढ़ा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढ़ा जाता है।

     गौरतलब है कि श्री कृष्ण कुमार यादव यादव सिर्फ व्यक्तिशः नहीं बल्कि सपरिवार ब्लाॅगिंग के क्षेत्र में सशक्त दखल रखते हैं। उनकी सुपुत्री अक्षिता (पाखी) को जहाँ भारत सरकार द्वारा ब्लाॅगिंग के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, वहीं पत्नी आकांक्षा यादव भी अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं। यादव दम्पति को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा “अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में सपत्नीक “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान एवं नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में भी सम्मानित किया जा चुका है।  

       भूटान में सम्मेलन के दौरान श्री कृष्ण कुमार यादव ने वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में  हिन्दी के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लाॅगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका पर व्याख्यान भी दिया। 

इस दौरान भूटान चैंबर ऑफ कामर्स के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी श्री चंद्र क्षेत्री, केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के पूर्व निदेशक एवं सम्प्रति असम विश्वविद्यालय, सिलचर के भाषा विज्ञानं विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नित्यानंद पाण्डेय, चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार एवं सम्प्रति इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव, छत्तीसगढ़ से वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री गिरीश पंकज और अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन के आयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात मंचासीन रहे। 

सम्मेलन में संपत देवी मुरारका की यात्रा वृत्त तृतीय भाग, कुसुम वर्मा की ह्रदय कँवल, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर की दोहावली, अशोक गुलशन की क्या कहूँ किससे कहूँ सहित पाँच पुस्तकों और 'परिकल्पना समय' पत्रिका के जनवरी अंक का विमोचन के अलावा विभिन्न देशों के लगभग तीस ब्लॉगर्स को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में लखनऊ की कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों ने अंतर्राष्ट्रीय ब्लोगर सम्मलेन को जीवंतता के साथ साथ भूटान की  शाम को खुशनुमा बना दिया।  कार्यक्रम का संचालन औरंगाबाद की ब्लॉगर श्रीमती सुनीता प्रेमी यादव द्वारा किया गया। 

प्रस्तुति :
रत्नेश कुमार मौर्या
संयोजक - ’शब्द साहित्य’, इलाहाबाद-211003

कोई टिप्पणी नहीं: