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मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

माँ



मेरा प्यारा सा बच्चा
गोद में भर लेती है बच्चे को
चेहरे पर नजर न लगे
माथे पर काजल का टीका लगाती है
कोई बुरी आत्मा न छू सके
बाँहों में ताबीज बाँध देती है।

बच्चा स्कूल जाने लगा है
सुबह से ही माँ जुट जाती है
चैके-बर्तन में
कहीं बेटा भूखा न चला जाये।
लड़कर आता है पड़ोसियों के बच्चों से
माँ के आँचल में छुप जाता है
अब उसे कुछ नहीं हो सकता।

बच्चा बड़ा होता जाता है
माँ मन्नतें माँगती है
देवी-देवताओं से
बेटे के सुनहरे भविष्य की खातिर
बेटा कामयाबी पाता है
माँ भर लेती है उसे बाँहों में
अब बेटा नजरों से दूर हो जायेगा।

फिर एक दिन आता है
शहनाईयाँ गूँज उठती हैं
माँ के कदम आज जमीं पर नहीं
कभी इधर दौड़ती है, कभी उधर
बहू के कदमों का इंतजार है उसे
आशीर्वाद देती है दोनों को
एक नई जिन्दगी की शुरूआत के लिए।

माँ सिखाती है बहू को
परिवार की परम्परायें व संस्कार
बेटे का हाथ बहू के हाथों में रख
बोलती है
बहुत नाजों से पाला है इसे
अब तुम्हें ही देखना है।

माँ की खुशी भरी आँखों से
आँसू की एक गरम बूँद
गिरती है बहू की हथेली पर।

22 टिप्‍पणियां:

Dr. Yogendra Pal ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना

Unknown ने कहा…

माँ की खुशी भरी आँखों से
आँसू की एक गरम बूँद
गिरती है बहू की हथेली पर।
...भाव्स्पर्शी रचना..बधाई.

Unknown ने कहा…

माँ के बारे में जितना भी लिखा जाये कम ही होगा. सुन्दर रचना के लिए बधाई.

S R Bharti ने कहा…

माँ के प्रति अनुपम भावों को अपने सुन्दर शब्दों में ढाला है. आपकी लेखनी को साधुवाद.

S R Bharti ने कहा…

माँ के प्रति अनुपम भावों को अपने सुन्दर शब्दों में ढाला है. आपकी लेखनी को साधुवाद.

Bhanwar Singh ने कहा…

माँ सब जानती है...

Sunil Kumar ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना ,भाव्स्पर्शी रचना,बधाई.....

vandana gupta ने कहा…

माँ की खुशी भरी आँखों से
आँसू की एक गरम बूँद
गिरती है बहू की हथेली पर।

बहुत भावमयी रचना।

आशुतोष की कलम ने कहा…

अगर आप पूर्वांचल से जुड़े है तो आयें, पूर्वांचल ब्लोगर्स असोसिएसन:पर ..आप का सहयोग संबल होगा पूर्वांचल के विकास में..

दीपक बाबा ने कहा…

तभी कहा गया है ... माँवां ठंडिया छांवां......

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

मेरी माँ सबसे प्यारी...

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

पाखी बिटिया के ब्लॉग पर देखा. बिटिया तन्वी के आज छ माह पूरे होने पर बधाई.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

ह्रदय स्पर्शी कविता. आपने तो पूरे घटनाक्रम को ही कविता में बांध दिया..बधाई.

Shahroz ने कहा…

इतनी सुन्दर अनुभूति. आपकी कायल हूँ के.के. सर .

Shahroz ने कहा…

@ पाखी के लिए, अरे तन्वी इत्ती बड़ी हो गई, पता भी नहीं चला. अब तो पाखी की बल्ले-बल्ले हो गई होगी. खूब मस्ती करो आप दोनों बहनों. प्यार व मुबारकवाद.

Rajesh Kumari ने कहा…

sa dhanyavaad aapke comment ne aapke blog ka pata bataya.maa shabd ki kavita padhi bahut achchi lagi.maatr bhaav se otprot.

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण और सुन्दर कविता...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अद्भुत रिश्ता है यह। सुन्दर कविता।

Dr.Sushila Gupta ने कहा…

man,ke dil ki gahrai aur uske mamattva ko bakhoobi darshaya hai aapne.thanks

Manoj Kumar ने कहा…

बहुत ही प्यारी कविता...दिल को छूती हुई !

Maan Sengar ने कहा…

दिल को छूने वाली रचना. सच है. ' माँ के दिल ऐसा दुनिया में कोई दिल नहीं.'

Santosh Kumar ने कहा…

maa tere gusse me bhi pyar nazar aaye,
maa tere chehare me bhagwan nazar aaye,
tu na hoti maa to mera kya wajood hota,
teri muskaan ke liye maa "Santosh" bik jaaye.
Bahut Achha likha hai ji aapne....