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रविवार, 10 अप्रैल 2011

चीयर्स लीडर और मँहगाई

विश्व कप के बाद आई.पी.एल. का जुनून आरंभ हो गया है. एक तरफ मंहगाई और भ्रष्टाचार, दूसरी तरह चीयर्स लीडर के जलवे. हर चौके-छक्के के साथ बढ़ता दबाव और चीयर्स की आवाज़-

चीयर्स लीडर चर्चा में हैं

मँहगाई की तरह

दोनों ही बनते हैं

संसद में चर्चा का विषय

एक का रिश्ता

क्रिकेट के खेल से है

तो दूसरे का

जिन्दगी के खेल से

एक तमाशा भर है

दूसरी जीवन की सच्चाई

एक उछलती है

खुशियों की सौगात लेकर

दूसरी उछलती है

दुखों की बरसात लेकर

एक बड़ों का शगल है

दूसरे से होती मानवता विकल है।

19 टिप्‍पणियां:

आकाश सिंह ने कहा…

बहुत खूब अच्छा वर्णन किये हैं | क्रिकेट के माध्यम से देश का पैसा लुटा जा रहा है |
आपके ब्लॉग पे आया, दिल को छु देनेवाली शब्दों का इस्तेमाल कियें हैं आप |

बहुत ही बढ़िया पोस्ट है
बहुत बहुत धन्यवाद|

यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है ... www.akashsingh307.blogspot.com

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

IPL के जुनून को वास्तविक जीवन से जोडती सुन्दर कविता..बधाई.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

अंतर्विरोध को सुन्दर शब्दों में परिलक्षित किया है...लाजवाब.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

अंतर्विरोध को सुन्दर शब्दों में परिलक्षित किया है...लाजवाब.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

अंतर्विरोध को सुन्दर शब्दों में परिलक्षित किया है...लाजवाब.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

अंतर्विरोध को सुन्दर शब्दों में परिलक्षित किया है...लाजवाब.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

It appears some problem in net.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सटीक निशाना साधा है।

Udan Tashtari ने कहा…

सटीक रचना..

डॉ टी एस दराल ने कहा…

अभी तक के मैचों में जो न दिखी , वो आपने दिखा दी ।
जब तक काला धन दूर रहे , तब तक सब ठीक है ।

Taarkeshwar Giri ने कहा…

Khubsurat duniya , khubshurat shabd

Anti Virus ने कहा…

जँतर मँतर पर भी नाचती चीयर्स क्वीन्स तो और जुट जाती भीड़ ।
अच्छी पोस्ट .
रामदेव जी की TRP कम जो हो गई है , मुददा ही ले उड़े हजारे ।
अन्ना आंदोलन से किसी को कुछ मिला या नहीं परंतु मीडिया को एक बड़ा इवेंट और पत्रकारों को भागदौड़ की एक जायज़ वजह जरूर मिल गई और माल तो मिला ही।
ऐसे आंदोलन और ऐसी कवरेज होती रहनी चाहिए समृद्धि की ओर बढ़ने के लिए ।

ashish ने कहा…

देश और समाज की विसंगतियों पर करारा व्यंग . मर्म को छू गयी कविता .

S R Bharti ने कहा…

करार प्रहार किया है इस कविता के माध्यम से..बधाई.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

एक तमाशा भर है
दूसरी जीवन की सच्चाई
...यही जो जीवन का अंतर्दंध है.

Shyama ने कहा…

कहीं पेज थ्री का लुत्फ़ तो कहीं चूल्हा जलाने को आग नहीं...इस कविता के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई के.के. जी.

Shyama ने कहा…

कहीं पेज थ्री का लुत्फ़ तो कहीं चूल्हा जलाने को आग नहीं...इस कविता के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई के.के. जी.

raghav ने कहा…

चीयर्स लीडर चर्चा में हैं
मँहगाई की तरह .

..अनोखा मिश्रण. कवि की अदभुत कल्पना, पर धारदार बात.

Ashish (Ashu) ने कहा…

अब क्या बताये आपसे...आपने तो सब कच्चा चिठ्ठा ही खोल दिया हॆ...