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सोमवार, 8 मार्च 2010

अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के 100 वर्ष

आज अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस है। यह महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए भी उतना ही महत्त्व रखता है, अखिकरकर नारी न हो तो सृजन संभव भी नहीं. कहते हैं हर पुरुष की सफलता के पीछे नारी का हाथ होता है, उसका रूप चाहे जो भी हो. आज का दिन इसलिए भी खास है कि अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस के 100 साल पूरे हो गए. आज के दिन को हर कोई संजोना चाहता है. भारत सरकार आज के दिन महिला-आरक्षण बिल को सदन के पटल पर पेश कर रही है, शायद यह सोचकर कि आज के दिन कोई विरोध न करे. खैर देखिये क्या होता है. महिला-दिवस पर अपनी जीवन साथी आकांक्षा जी के ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी वैचारिक सामग्री पढ़ रहा था, बड़ा दिलचस्प लगा. वैसे भी इस समय मैं घर से दूर एक वर्कशॉप के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान, शिलांग (मेघालय) में हूँ. सो आज के दिन आकांक्षा जी की इक पोस्ट साभार !!


महिला-दिवस सुनकर बड़ा अजीब लगता है। क्या हर दिन सिर्फ पुरुषों का है, महिलाओं का नहीं ? पर हर दिन कुछ कहता है, सो इस महिला दिवस के मानाने की भी अपनी कहानी है। कभी महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई से आरंभ हुआ यह दिवस बहुत दूर तक चला आया है, पर इक सवाल सदैव उठता है कि क्या महिलाएं आज हर क्षेत्र में बखूबी निर्णय ले रही हैं। मात्र कुर्सियों पर नारी को बिठाने से काम नहीं चलने वाला, उन्हें शक्ति व अधिकार चाहिए ताकि वे स्व-विवेक से निर्णय ले सकें. आज नारी राजनीति, प्रशासन, समाज, संगीत, खेल-कूद, फिल्म, साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, अन्तरिक्ष सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है, यहाँ तक कि आज महिला आर्मी, एयर फोर्स, पुलिस, आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा जैसे क्षेत्र में नित नई नजीर स्थापित कर रही हैं। यही नहीं शमशान में जाकर आग देने से लेकर पुरोहिती जैसे क्षेत्रों में भी महिलाएं आगे आ रही हैं. रुढियों को धता बताकर महिलाएं हर क्षेत्र में परचम फैलाना चाहती हैं।

पर इन सबके बावजूद आज भी समाज में बेटी के पैदा होने पर नाक-भौंह सिकोड़ी जाती है, कुछ ही माता-पिता अब बेटे-बेटियों में कोई फर्क नहीं समझते हैं...आखिर क्यों ? क्या सिर्फ उसे यह अहसास करने के लिए कि वह नारी है. वही नारी जिसे अबला से लेकर ताड़ना का अधिकारी तक बताया गया है. सीता के सतीत्व को चुनौती दी गई, द्रौपदी की इज्जत को सरेआम तार-तार किया गया तो आधुनिक समाज में ऐसी घटनाएँ रोज घटित होती हैं. तो क्या बेटी के रूप में जन्म लेना ही अपराध है. मुझे लगता है कि जब तक समाज इस दोगले चरित्र से ऊपर नहीं उठेगा, तब तक नारी की स्वतंत्रता अधूरी है. सही मायने में महिला दिवस की सार्थकता तभी पूरी होगी जब महिलाओं को शारीरिक, मानसिक, वैचारिक रूप से संपूर्ण आज़ादी मिलेगी, जहाँ उन्हें कोई प्रताड़ित नहीं करेगा, जहाँ कन्या भ्रूण हत्या नहीं की जाएगी, जहाँ बलात्कार नहीं किया जाएगा, जहाँ दहेज के लोभ में नारी को सरेआम जिन्दा नहीं जलाया जाएगा, जहाँ उसे बेचा नहीं जाएगा। समाज के हर महत्वपूर्ण फैसलों में उनके नज़रिए को समझा जाएगा और क्रियान्वित भी किया जायेगा. समय गवाह है कि एक महिला के लोकसभा स्पीकर बनाने पर ही लोकसभा भवन में महिलाओं के लिए पृथक प्रसाधन कक्ष बन पाया. इससे बड़ा उदारहण क्या हो सकता है. जरुरत समाज में वह जज्बा पैदा करने का है जहाँ सिर उठा कर हर महिला अपने महिला होने पर गर्व करे, न कि पश्चाताप कि काश मैं लड़का के रूप में पैदा होती.



!!! अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के 100 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनायें !!!

11 टिप्‍पणियां:

S R Bharti ने कहा…

नारी-दिवस के बहाने नारी की भूमिका पर सटीक पोस्ट...वाकई आज नारी को हर निर्णय में भागीदार बनाने की जरुरत है अन्यथा मात्र कुर्सी की सत्ता ही रह जाएगी.

Unknown ने कहा…

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ढेर सारी जानकारी. शानदार सफ़र. बधाई.

Unknown ने कहा…

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ढेर सारी जानकारी. शानदार सफ़र. बधाई.

vandana gupta ने कहा…

bilkul sahi likha aapne...........shayad iske baad kuch bhi kahne ki jaroorat nhi hai.........aapne wakai mahila diwas sarthak kar diya.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

मीरा कुमार का लाजवाब उद्धरण. यह भारत में नारी की स्थिति को बखूबी दर्शाता है..उम्दा पोस्ट.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

लाजवाब पोस्ट. नारी को जब तक निर्णय में भागीदार ना बनाया जायेगा, तब तक सशक्तिकरण का कोई अर्थ नहीं.

Shyama ने कहा…

नारी सृजन का आधार है. नारी की शक्ति को पहचानने की जरुरत है.

बेनामी ने कहा…

जरुरत समाज में वह जज्बा पैदा करने का है जहाँ सिर उठा कर हर महिला अपने महिला होने पर गर्व करे, न कि पश्चाताप कि काश मैं लड़का के रूप में पैदा होती !!
!!! अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के 100 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनायें !!!

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

बेहतरीन लिखा आपने..बधाई.

raghav ने कहा…

विस्तृत रूप में बेहतरीन जानकारी...आभार.

मन-मयूर ने कहा…

रोचक जानकारी..बधाई.