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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

यूँ आरंभ हुआ होलिका-दहन व होली

होली भारतीय समाज का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसका लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग रूपों में होली मनाई जाती है। रबी की फसल की कटाई के बाद वसन्त पर्व में मादकता के अनुभवों के बीच मनाया जाने वाला यह पर्व उत्साह और उल्लास का परिचायक है। अबीर-गुलाल व रंगों के बीच भांग की मस्ती में फगुआ गाते इस दिन क्या बूढे व क्या बच्चे, सब एक ही रंग में रंगे नजर आते हैं।

नारद पुराण के अनुसार दैत्यराज हिरण्यकश्यप को यह घमंड था कि उससे श्रेष्ठ दुनिया में कोई नहीं, अत: लोगों को ईश्वर की पूजा करने की बजाय उसकी पूजा करनी चाहिए। पर उसका बेटा प्रहलाद जो कि विष्णु भक्त था, ने हिरण्यकश्यप की इच्छा के विरूद्ध ईश्वर की पूजा जारी रखी। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को प्रताड़ित करने हेतु कभी उसे ऊंचे पहाड़ों से गिरवा दिया, कभी जंगली जानवरों से भरे वन में अकेला छोड़ दिया पर प्रहलाद की ईश्वरीय आस्था टस से मस न हुयी और हर बार वह ईश्वर की कृपा से सुरक्षति बच निकला। अंतत: हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका जिसके पास एक चमत्कारी चुनरी थी, जिसे ओढ़ने के बाद अग्नि में भस्म न होने का वरदान प्राप्त था, की गोद में प्रहलाद को चिता में बिठा दिया ताकि प्रहलाद भस्म हो जाय। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था, ईश्वरीय वरदान के गलत प्रयोग के चलते चुनरी ने उड़कर प्रहलाद को ढक लिया और होलिका जल कर राख हो गयी और प्रहलाद एक बार फिर ईश्वरीय कृपा से सकुशल बच निकला। दुष्ट होलिका की मृत्यु से प्रसन्न नगरवासियों ने उसकी राख को उड़ा-उड़ा कर खुशी का इजहार किया। मान्यता है कि आधुनिक होलिका दहन और उसके बाद अबीर-गुलाल को उड़ाकर खेले जाने वाली होली इसी पौराणिक घटना का स्मृति प्रतीक है।

15 टिप्‍पणियां:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

एक बार फिर ये प्रेरणात्मक गाथा दिलो दिमाग में ताज़ा हो गयी । आभार यादव जी ।

होली की शुभकामनायें।

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

pauraanik kahani ko fir se taza kar diya shukriya...acchha prayas.

समयचक्र ने कहा…

प्रेरणात्मक गाथा...होली की शुभकामनायें.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर आलेख!
शुभकामनाएँ!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर ढंग से आप ने इस कथा को फ़िर से याद दिला दिया. आज ही बच्चो को यह कथा सुना रहा था.
धन्यवाद

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

आप और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ...

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएं। फाल्‍गुनी रंग आपके जीवन में हर खुशी भर दें। होली की सुन्दर जानकारी.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएं। फाल्‍गुनी रंग आपके जीवन में हर खुशी भर दें। होली की सुन्दर जानकारी.

Bhanwar Singh ने कहा…

दिलचस्प जानकारी...होली की रंगकामनाएं स्‍वीकार हों !!

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

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रंग-बिरंगी होली की बधाई.

Shahroz ने कहा…

!! होली की शुभकामनायें !! रंगकामनाएं स्‍वीकार हों !!

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Happy Holi.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

जब फागुन रँग झमकते हो तब देख बहारेँ होली की |
गुलजार खिले हो परियोँ के और मजलिस की तैयारी हो |
कपड़ो पर रँग के छीटोँ से खुश रँग अजब गुलकारी हो |
मुँह लाल, गुलाबी आँखे हो और हाथोँ मेँ पिचकारी हो |
उस रँग भरी पिचकारी को अँगिया पर तक कर मारी हो |
सीनो से रँग ढलकतेँ हो तब देख बहारेँ होली की . -"नजीर अकबराबादी"

होली की रंगारंग शुभकामनाए

Akanksha Yadav ने कहा…

प्रेरक पोस्ट ...मनभावन !! एक बार पुन: सभी को सपरिवार व इष्टमित्रों सहित होली की ढेरों शुभकामनायें !!

मन-मयूर ने कहा…

रोचक जानकारी..बधाई.